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श्रीनाथजी का बडा मंदिर राजगढ़

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श्रेणी अन्य

अति प्राचीन एवं भव्यता के लिए प्रसिद्ध नेवज नदी के तट पर पहाड़ियों के बीच श्रीनाथजी का बड़ा मंदिर स्थित हैं। नगर की पहचान स्थापित करने वाले इस भव्य मंदिर की शिल्पकला अति सुन्दर है, जिसकी छटा देखते ही बनती है। नदी के तट पर स्थित होने से वर्षा ऋतु में नदी का जल स्तर बढने पर मंदिर का गर्भग्रह जलमग्न हो जाता हैं। राजगढ़ रियासत की तत्कालीन हाडी जी महारानी को स्वप्न में भव्य श्रीनाथ जी के मंदिर बनवाने की प्रेरणा स्वरूप तत्कालीन राजा बलबाहदुर सिंह जी ने वर्ष 1887 में मंदिर का निमार्ण प्रारम्भ करवाया, मंदिर के निमार्ण में उस समय 24 वर्ष का समय लगा , निर्माण कार्य पूर्ण होने पर तत्कालीन राजा बनेसिंह जी ने वर्ष 1911 के जेयष्ठ मास की दसमी ‘‘गंगा दशहरा‘‘ के दिन शुभ मुर्हत में पुष्टिमार्गीय परम्परा के अनुसार प्रभु श्रीनाथ जी के अतिसुन्दर विग्रह (मूर्ति) की स्थापना की गई। प्रतिवर्ष गंगा दसमी को मन्दिर का पाटोत्सव (स्थापना दिवस) मनाया जाता हैं। वर्ष 1911 से सतत् रूप से मन्दिर में प्रभु की अष्टयाम सेवा दर्शन का क्रंम जारी है। प्रति दिन प्रातः मंगला आरती 8.30 श्रंगार दर्शन 9.15 तथा राजभोग दर्शन 10.15 तथा सायंकाल 6.15 पर उत्थापन 6.30 पर संध्या भोग एवं 7.00 पर शयन दर्शन होते हैं।
वर्ष के उत्सव एवं त्यौहारः- कृष्ण जन्माष्टमी, नन्दमहोत्सव, नोकाविहार, रामनवमी, होली फूलफाग, अन्नकुट महोत्सव, श्रावणमास, हिन्डोला उत्सव आदि धूम-धाम से मनाये जाते हैं।
यह मंदिर नेवज नदी के तट पर प्रदेष के सबसे ऊँचे (111 फीट) शिखर वाला मंदिर हैं। संध्या के समय मंदिर के शिखर पर रोमाचंक द्र्शय देखने को मिलता है, दरअसल नदी में अपनी प्यास बुझाने वाले सेकड़ो कबुतर एक झुन्ड होकर मंदिर के शिखर के आसपास परिक्रमा करते देखे जा सकते हैं। पक्षियों को देख कर ऐसा लगता है कि पक्षी भी भगवान की परिक्रमा कर पुण्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं। इस द्र्शय को देखने सेकड़ों लोग सायंकाल मंदिर पहुचते है तथा प्रभु श्रीनाथ जी के दर्शन लाभ भी लेते है। मंदिर 100 वर्ष से भी अधिक प्राचीन है मंदिर का जिला प्रशासन द्वारा पूर्ण देख-रेख करने एवं समय-समय पर मरम्मत/जीर्णोव्दार कार्य कराये जाने से मंदिर की इमारत आज भी नवीनतम प्रतीत होती है।

फोटो गैलरी

  • श्री नाथजी मंदिर
  • श्री नाथजी को भोग राजगढ़
  • श्री नाथजी मंदिर
  • श्री नाथजी मंदिर राजगढ़

कैसे पहुंचें:

हवाई मार्ग

145 किलोमीटर भोपाल एयरपोर्ट से

रेल द्वारा

24 किलोमीटर ब्यावरा रेल्वे स्टेशन से

सड़क मार्ग द्वारा

1 किलोमीटर राजगढ़ बस स्टैंड से