भोपाल संभाग के बारे में
मध्यप्रदेश शासन, राजस्व विभाग की अधिसूचना दिनांक 1 नवम्बर, 1956 मध्यप्रदेश असाधारण राजपत्र दिनांक 1.11.1956 में प्रकाशित कर मध्य प्रदेश राज्य में आयुक्त प्रणाली लागु करने के लिए अध्यादेश , 1956 (पांच) के अन्तर्गत प्रदेश में जिन संभागों का सृजन किया गया था, उनमें से एक भोपाल संभाग भी था। इस संभाग का मुख्यालय भोपाल नियत किया गया।
भोपाल संभाग में तत्समय महाकौशल क्षेत्र के जिला होशंगाबाद तथा बैतूल के अतिरिक्त शाजापुर जिला सहित संभाग में जिला सीहोर, विदिशा, रायसेन, राजगढ़, शाजापुर, होशंगाबाद एवं बैतूल इस प्रकार कुल 7 जिले थे। भोपाल को तत्समय जिले की प्रास्थिति प्राप्त नहीं थी एवं भोपाल जिले का वर्तमान क्षेत्र सीहोर जिले के अन्तर्गत आता था।
राजस्व विभाग की अधिसूचना क्रमांक 3870-सात-सा-एक दिनांक 13 दिसम्बर, 1971 के द्वारा राज्य शासन ने भोपाल संभाग की सीमाएं परिवर्तित कर होशंगाबाद के सम्पूर्ण जिले को अपवर्जित कर अधिसूचना प्रकाशन की तिथि से होशंगाबाद संभाग का सृजन किया गया। होशंगाबाद संभाग के गठन के पश्चात् भोपाल संभाग में 6 जिले शेष रहे।
राजस्व विभाग ने दिनांक 2 अक्टूबर, 1972 से तहसील हुजूर एवं तहसील बैरसिया की सीमाओं को सीहोर जिले से अपवर्जित कर भोपाल जिले का सृजन किया। इस प्रकार संभाग में पुनः 7 जिले हो गये।
वर्ष 1976 में शाजापुर जिले की सीमाएं भोपाल संभाग से अपवर्जित कर इस जिले को उज्जैन संभाग में शामिल किया गया। फलस्वरूप भोपाल संभाग में कुल 6 जिले समाहित थे। इन जिलों में जिला बैतूल की सीमाएं महाराष्ट्र प्रान्त से तथा जिला राजगढ़ की सीमाएं राजस्थान प्रान्त से मिलती थीं।
मध्यप्रदेश शासन, राजस्व विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ-1-12-08-सात-शा-6 दिनांक 26 अगस्त 2008 के द्वारा भोपाल संभाग की सीमाओं में पुनः परिवर्तन किया गया तथा होशंगाबाद संभाग में शामिल जिला होशंगाबाद एवं हरदा के अतिरिक्त भोपाल संभाग के सम्पूर्ण जिला बैतूल की सीमाओं को अपवर्जित कर होशंगाबाद, हरदा तथा बैतूल जिले को समाविष्ट करते हुए नवीन नर्मदापुरम संभाग का सृजन किया गया जिसका मुख्यालय होशंगाबाद है।
शासन द्वारा समय-समय पर किये गये विभाजन के पश्चात् वर्तमान में भोपाल संभाग में कुल 5 जिले- भोपाल, रायसेन, राजगढ़, सीहोर, तथा विदिशा शामिल हैं।